श्री सुभाष पालेकर , जिन्होंने जीरो बजट फार्मिंग का मॉडल देश के किसानों के समक्ष रखा है और स्वयं अपने इस मॉडल को गाँव गाँव खेत खेत तक पहुँचाने के लिए अपने स्तर पर पिछले अनेक वर्षों से प्रयासरत है | इस वर्ष भारत सरकार ने गणतंत्र दिवस कि पूर्व संध्या पर घोषित किये जाने वाले पदम् सम्मानों में श्री सुभाष पालेकर जी का नाम भी शामिल किया गया है | शायद कृषि क्षेत्र में अकेले सुभाष पालेकर जी ही हैं जिन्हें इस वर्ष देश के परम प्रतिष्टित पदम् सम्मान से नवाजा जायेगा| जहाँ एक तरफ यह एक संतोष का विषय है वहीँ दूसरी और हमें देश में जनसँख्या के हिसाब से व्यवसायिक प्रतिनिधत्व करने वाले कृषक और कमेरे समाज के लिए काम करने वालों का पदम् सम्मान कि सूची में हाशिये पर चला जाना चिंतित कर रहा है| कृषि क्षेत्र में अनुसन्धान और विकास के लिए बनायीं गयी हमारी प्रयोगशालाएं आज सुभाष पालेकर जैसे अनेक आविष्कारकों और परम्परागत ज्ञान धारकों का इंतज़ार कर रही हैं जहाँ नवीनतम तकनीकों और कार्यप्रणालियों के जानकार अपनी वैचारिक सीमाएं लाँघ कर समय की सीमा के भीतर देश हित की तकनीके विकसित करेंगे| जब पदम् सम्मान पाने वाले से कम दस प्रतिशत लोग कृषि या ग्राम विकास में तकनीकि नवाचार करने वाले होंगे तब हम यह मानेंगे की देश उन्नति के पथ पर अग्रसर है|
श्री सुभाष पालेकर जी और उनकी जीरो बजट फार्मिंग के सम्बन्ध में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप http://palekarzerobudgetspiritualfarming.org/ लिंक पर जा सकते हैं|
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